मोहरेंगा पर्यटन स्थल पर्यटकों को मोहने हो गया तैयार शीघ्र उद्घाटन की तैयारी- व्ही.एन.मुखर्जी 

मोहरेंगा पर्यटन स्थल पर्यटकों को मोहने हो गया तैयार शीघ्र उद्घाटन की तैयारी- व्ही.एन.मुखर्जी 




अलताफ हुसैन 


रायपुर (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़) हरे भरे पेड़ पौधे, प्रकृतिक वन, जलवायु और पर्यावरण संतुलन में एक महत्व पूर्ण कड़ी माना जाता है वन है तो जीवन है परन्तु विगत कई वर्षों से मानव निज स्वार्थ के चलते वनों का दोहन करते आ रहा है जिसके कारण प्रदेश के वन क्षेत्रफल का दायरा सिमटते हुए चालीस प्रतिशत तक पहुंच चुका है वही वनों के संरक्षण संवर्धन हेतु छग वन विभाग भी सक्रिय है तथा वनों में निवासरत वन वासी वन आदिवासियों की जन भागीदारी से इसके अस्तित्व को बचाए रखने में अपनी महती भूमिका निभा रहा है पृथ्वी को उपहार स्वरूप मिले हरियाली युक्त वन के रूप में ईश्वरीय वरदान की सुरक्षा में वनों की अस्मिता को अक्षुण्य बनाए रखने में यथा संभव एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है ताकि मानव जगत के लिए हरेभरे वन, जीवन दायिनी बनी रहे यही वजह है कि छग वन विभाग विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के साथ साथ प्लांटेशन, और बिगड़े वनों के सुरक्षा और संरक्षण पर विशेष ध्यान आकर्षित किए हुए है तथा ऐसे क्षेत्र में पौधरोपण के माध्यम से बिगड़े उजड़े वनों को सुधार कर हरियाली की सौगात के रूप में समर्पित करने वन विभाग तत्पर नज़र आ रहा है इसी कड़ी में प्रदेश वासियों के लिए हरियाली युक्त मनमोहक एक और पर्यटन स्थल के रूप में प्राकृतिक रूप से मोहरेंगा जंगल का विस्तार द्रुत गति से किया जा रहा है



लगभग 1500 एकड़ वृहद भूभाग में भिन्न भिन्न मिश्रित प्रजाति के पेड़ पौधों से आच्छादित मोहरेंगा जंगल अब अपने वास्तविक आकार में आ चुका है रायपुर से मात्र पैंतालीस किलोमीटर दूर खरोरा होते हुए तिल्दा मार्ग स्थित मोहरेंगा ग्राम के समीप स्थित पड़त भाटा क्षेत्र पर एक बड़े भूभाग स्थित प्राकृतिक वन क्षेत्र में इसका विस्तार कर निर्माण किया गया है जहां पर पर्यटक हरियाली के मध्य एक सुखद अनुभूति प्राप्त कर सकेंगे इस संदर्भ में रायपुर वन मण्डल डी एफ़ ओ श्री बी एस ठाकुर की परिकल्पना के अनुरूप मोहरेंगा पर्यटन स्थल को सुव्यवस्थित ढंग से विस्तार किया जा रहा है हालांकि विगत एक दशक से इसके निर्माण कार्यों में थोड़ा विलंब हुआ है फिर भी हम होंगे कामयाब..एक दिन की तर्ज पर उन्हें पूरी संभावना के साथ आशा भी है कि इसी वर्षांत इसका उद्घाटन कर जनता को समर्पित कर दिया जाएगा वही रायपुर उप वन मण्डलाधिकारी श्री विश्व नाथ मुखर्जी ने पर्यटन स्थल मोहरेंगा के संदर्भ में संक्षिप्त जानकारी देते हुए बताया कि मोहरेंगा क्षेत्र पूर्व में सघन वन क्षेत्र हुआ करता था जिसमे मिश्रित प्रजाति के फलदार फूलदार,औषधियुक्त पौधे हुआ करते थे परन्तु समय अनुसार विदोहन के चलते शनैः-शनैः इसका क्षेत्रफल घटता गया इसके संरक्षण संवर्धन हेतु दस वर्ष पूर्व विभाग ने त्वरित निर्णय लेते हुए इसे पर्यटन के रूप में विकसित कर विस्तार एवं व्यवस्थित करने की सोची तथा मद्धम गति से ही सही इसे मूर्त रूप प्रदान किया आज यह अपनी पूरी आभा के साथ लगभग पूर्ण हो चुका है इसमे प्राकृतिक पेड़ पौधों के अतिरिक्त सागौन शीशम,साजा, खैर , तेंदू, ,बीजा ,महुआ ,चार, बहेड़ा,, आँवला, बांस,भिर्रे सहित मूल्यवान औषधि प्रजातियों की प्राकृतिक वन संपदा विधमान है वर्तमान में अन्य देशी विदेशी प्रजाति के आकर्षक पौधे भी प्राकृतिक मोहरेंगा जंगल का हिस्सा बन चुके है इंद्रधनुषी रंग बिरंगे फूल वातावरण में प्रवाहित वायु धारा से सनसन करते,लहलहाते पेड़ पौधों की भीनी मद्धम ध्वनि के मध्य जब शीतल वायु के झोके मुख मंडल पर पड़ते है तो मन आल्हादित हो प्रकृति को अपने समीप होने का अहसास वाकई आगन्तुकों को रोमांच से भर देता है इस के सघन वृक्ष और शांत वातावरण उस विचारधारा की अकल्पनीय स्तर में पहुंच मर्म मस्तिष्क में संचारित कर झिंझोड़ देते है जिसमे यह अभद्र, खोखली सोच कि जीवन केवल नरकीय कार्यधम मे गुजर गई जो यहां सैर सपाटे में आने के पश्चात ऐसे कुविचारधारा को खंडित कर ईश्वरीय निर्माण के अनुपम ढाँचे को देखकर धन्यवाद दिए बगैर नही रह सकता जबकि ईश्वरीय अधो संरचना के बेजोड़ कलाकृति को क्षति पहुंचने वाले दो हाथ भले ही मानव के हो परन्तु इसी क्षतिग्रस्त संरचना का पुनरोद्धार एवं उसकी परिकल्पना के सुधार कारक मानव भी इसी संसार मे विधमान है जो वन विभाग के वन अधिकारी,कर्मचारी के रूप में इसके संरक्षण,संवर्धन,हेतु कटिबद्ध है जो पेड़,पौधों का रोपण कर ईश्वरीय कलात्मक के संवाहक बन हजारों हाथों से प्राकृतिक रूपी वन को बचाने जुटे रहते है जिसका साक्षात उदाहरण मोहरेंगा जंगल को लिया जा सकता है जो रायपुर वन मण्डल के तिल्दा परिवृत के अंतर्गत है उनके ही निरन्तर परिश्रम का परिणाम है कि आज प्राकृतिक मोहरेंगा जंगल की एक पृथक पहचान बन गई है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में महती भूमिका निभाएगा अंततः मोहरेंगा पर्यटन स्थल अपने अंतिम स्वरूप में आ चुका है इसमें बहुत से परिवर्तन कर इसे आकर्षक स्वरूप प्रदान किया गया है जैसे रंग बिरंगे फूल के बगीचे जो स्वत आगन्तुकों को अपनी ओर आकर्षित करेंगे पगडंडी नुमा पथ मानव निर्मित झरने, तालाब इसका अलंकार होंगे नैसर्गिक वातावरण में ही बच्चों के खेलकूद उपकरण लगाए जाने पर विचार किया जा रहा है वही शाकाहारी वन्य प्राणियों के लिए भी पृथक बाड़े अथवा क्षेत्र का चयन किया जाएगा जो पर्यटन स्थल का आकर्षण होगा उप वन मण्डलाधिकारी श्री मुखर्जी ने बताया कि वर्तमान में कुछ वन्य प्राणी पर्यटन स्थल में मौजूद है जिनमे चीतल जंगली वराह,खरगोश,मोर,लकड़बग्घा, अजगर, नेवला,तथा अनेक छोटे बड़े सरीसृप प्राणी इत्यादि भी मौजूद है वही नेचरल मोहरेंगा में पक्षी विहार की संभावना भी तलाशी जा रही है जिसमे देशी विदेशी प्रजाति के आकर्षक पक्षी रखे जाएंगे ताकि पक्षी विहार अवलोकन पश्चात पर्यटकों का मन प्रफुल्लित हो सके तथा मय परिवार पर्यटन का आनन्द एवं लुत्फ उठा सके श्री मुखर्जी ने यह भी बताया कि ऐसे वन्य प्राणी जो प्रदेश के वनों में अकारण दुर्घटना का शिकार हो या घायल अवस्था मे होने के पश्चात वन विभाग द्वारा मोहरेंगा परिसर क्षेत्र में वन प्राणी उपचार या चेतना केंद्र निर्मित कर उन्हें उपचार हेतु पृथक व्यवस्था की जा सकती है वन्य प्राणियों के स्वस्थ्य होने के पश्चात उन्हें यहां रखा जा सकता है इसकी भी योजना बनाई जाएगी बताते चले कि श्री मुखर्जी साहब अपने लंबे सेवाकाल में अधिकांश सेवा पर्यटन स्थल क्षेत्रों में ही दी है जिनमे मुख्यतः बार नवापारा क्षेत्र का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है बार नवापारा क्षेत्र जहां पर्यटन को विकसित करने और उसे बढ़ावा देने अनेक निर्माण कार्यों सहित वन्य प्राणियों की सुरक्षा आदि को लेकर विगत कार्यकाल में महारत हासिल की है उनके द्वारा बार नवापारा क्षेत्र में अनेक विभागीय निर्माण कार्यों को किया है जिनमे मुख्यतः वनों में ग्रीष्म ऋतु में आकस्मिक लगने वाले दावानल के रोकथाम एवं सतत निगरानी हेतु फायर वॉच टॉवर के अलावा ग्राम पहुंच मार्ग, पुल, पुलिया,रपटा, का निर्माण, बार नवापारा पर्यटन स्थल कार्यालय के समीप पर्यटक आवास परिसर तथा वन प्राणियों के सुरक्षा हेतु ग्रीष्म ऋतु में उनकी प्यास बुझाने तालाब एवं शाकाहार वन प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टिकोण से अनेक सारगर्भित कदम उठाए थे यही नही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके नवा रायपुर अटल नगर स्थित जंगल सफारी निर्माण में भी श्री व्ही. एन. मुखर्जी साहब के अमूल्य योगदान को भुलाया नही जा सकता है लंबे समय तक नया रायपुर स्थित जंगल सफारी मे अपनी सेवाएं देते हुए अनेकों निर्माण कार्य संपादित कर उसे प्राकृतिक आकर देने का प्रयास किया जिसमे प्राकृतिक आभा उकेरने के लिए देशी विदेशी प्रजाति के पेड़,पौधों का व्यवस्थित ढंग से वृक्षारोपण, वन्य प्राणियों के रहवास,हेतु पथरीले चट्टान युक्त गुफाए,तालाब,झरने, प्रमुख है जो वन्य प्राणियों के बाड़े से लेकर प्राकृतिक छटा को इस प्रकार निर्माण किया गया जिससे वन्य प्राणी स्वयं को प्राकृतिक वन रहवास का अनुभव कर सके वही मानव गन्ध और उनकी दूरी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ऐसे धुमावदार परिधि युक्त मार्ग निर्माण किए गए जो मानव वन्यप्राणी की दूरी तय करता है साथ ही दोनो की सुरक्षा भी तय होती है उनके दूरदर्शी,नजरिया और लंबे अनुभव का परिणाम रहा कि जंगल सफारी के निर्माण में उनका नाम आज इतिहास में दर्ज हो गया है



उन्होंने एवं उनकी टीम ने मानव निर्मित जंगल सफारी के निर्माण कार्यों को जिस तल्लीनता और चुनौती के रूप में स्वीकार किया तथा नैचुरल जंगल सफारी को व्यवस्थानुरूप निर्माण कर जन मानस को समर्पित किया वह आज छग प्रदेश ही नही अपितु रायपुर के जंगल सफारी का नाम विश्व पर्यटन स्थल के मानचित्र में सूरज की भांति दैदीप्यमान हो रहा है और इसका श्रेय वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों, पांडे साहब,सोनी साहब को देना नही भूलते जिनके नेतृत्व,मार्गदर्शन के बिना जंगल सफारी का कार्य दुरूह था जो वरिष्ठों एवं टीम वर्क से संभव हो सका तथा अब देश ही नही बल्कि विदेशी पर्यटक भी जंगल सफारी का दर्शन लाभ उठाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है यह सब मुखर्जी साहब के लगन ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा , जुझारू पन का ही परिणाम है कि जंगल सफारी श्री मुखर्जी के कार्यकाल में सम्पन्न हुआ एवं एक इतिहास बन गया उनकी इसी कार्यशैली को देखते हुए वरिष्ठ वन अधिकारीयों ने उन पर विश्वास व्यक्त करते हुए मोहरेंगा पर्यटन स्थल को लेकर कुछ ऐसी ही परिकल्पना को साकार करने की असीम आशा उनसे पुनः बांधे हुए है तथा मोहरेंगा पर्यटन स्थल के स्वरूप में कुछ ऐसा नया आकर्षण चाहते है जो उक्त पर्यटन स्थल की भी एक पृथक पहचान निर्मित हो सके इस संदर्भ में श्री मुखर्जी का कथन है बजट के साथ अनुकूल समय अनुसार इस ओर कार्य संभव है फिलहाल वर्तमान में पर्यटन स्थल के 1500 एकड़ में निर्मित मोहरेंगा जंगल के चारो ओर बड़े वृत्ताकार भुभाग के दायरे में फेंसिंग तार एवं लोहे के एंगल से घेरा जाना है जिसके लिए फेंसिंग तार और लोहे के एंगल बुलाए गए है इसके लगाने में एक बड़ी राशि व्यय होगी इसे कुल 16 किलोमीटर के दायरे में लगाया जाना बताया है फिलहाल इसके फेंसिंग के संदर्भ में श्री मुखर्जी ने बताया कि नैचुरल मोहरेंगा जंगल परिधि में निवासरत वन प्राणियों की सुरक्षा को लेकर व्यापक कदम उठाए जा रहे है वही बाहरी मवेशियों के चराई और वन्यप्राणियों के बचाव के लिए भी फेंसिंग घेराव अति आवश्यक हो गया है श्री मुखर्जी ने यह भी बताया है कि मोहरेंगा पर्यटन स्थल का उद्घाटन वर्चुअल तरीके से ऑन लाइन किए जाने की तैयारी की जा रही है वही इसे दीपावली पश्चात इसी माह उन्नीस अथवा बीस नवम्बर में उद्घाटन की बात भी कही है फिर भी मोहरेंगा पर्यटन स्थल में अन्य निर्माण कार्य को लेकर फॉरेस्टर,एवं मोहरेंगा जंगल प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया ताकि, मोहरेंगा जंगल की विस्तृत जानकारी लिया जा सके बहरहाल, रायपुर मुख्य वन संरक्षक (सी सी एफ़) जे.आर.नायक साहब के नेतृत्व में वन मण्डलाधिकारी बी एस ठाकुर साहब के कुशल निर्देशन में तथा उप वन मण्डलाधिकारी एस डी ओ व्ही. एन. मुखर्जी साहब के मार्ग दर्शन मे नैचुरल मोहरेंगा जंगल अपने वास्तविक स्वरूप में आकार ले चुका है जो शीघ्र ही आम जनता को समर्पित हो जाएगा वृहद भूभाग में फैले नेचुरल मोहरेंगा जंगल को नजदीक से दर्शन लाभ उठाने चार पहिया वाहन या प्रदूषण मुक्त वाहन की व्यवस्था वन विभाग द्वारा संभावित है जिसका शुल्क की घोषणा नही की गई है वही रेस्ट हाउस तथा रेस्टोरेंट भी होगा जहां जंगल के प्रवेश द्वार के समीप नव निर्मित पगोड़ों में परिवार संग खानपान का लुत्फ उठाया जा सके जंगल परिसर मे किसी प्रकार के खाद्य पदार्थ ले जाने पर प्रतिबंध होगा इसके अतिरिक्त अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएगी ताकि पर्यटकों को यहां आगमन पश्चात एक अविस्मरणीय सुखद अनुभूति ले कर अपने साथ जाए तथा अपने इष्ट मित्रों,परिजनों को हर्षित हो कर यह कहने में कतई गुरेज नही करे कि मोह..रेंगा ..जंगल भ्रमण पश्चात प्राकृतिक वन वहां की रंग बिरंगे फूल उछलकूद और कुलांचे भरते वन्य प्राणी, तथा देशी विदेशी पक्षियों की वातावरण में संगीत बिखेरती चहचहाहट ने वस्तुतः मन को मोह डाला...