एक पुलिस कर्मी की वर्षों पूर्व की गई मानवीय पहल जिसने बदल दी इंसानी सोच

एक पुलिस कर्मी की वर्षों पूर्व की गई मानवीय पहल जिसने बदल दी इंसानी सोच



अलताफ हुसैन


रायपुर वैसे तो पुलिस का चेहरा देख कर ही मस्तिष्क एक अज्ञात भय से ग्रसित हो जाता है तथा मनोभाव में अनेक सवाल उमड़ते घुमड़ते रहते है कि न जाने आगन्तुकों से आगे पुलिस का क्या और कैसा व्यवहार होगा परन्तु कभी कभी पुलिस कर्मियों के ऐसे भी सहृदयता पूर्ण उदाहरण देखने सुनने और पढ़ने को मिल जाते है जो पुलिस का संवेदन शील, और मानवीय चेहरा भी सामने आता है जो पाषाण हृदय के पीछे छिपे एक कोमल हृदय के होने को भी परिभाषित करता है तथा जब आम इंसान उनके द्वारा किए गए मानवीय पहलू को देखता सुनता है तो उसकी प्रशंसा किए बगैर नही रह सकता ऐसा ही वर्षों पूर्व किए गए एक संवेदनशील मामला धमतरी सिटी कोतवाली का सामने आया है जिसमे एक संवेदनशील पुलिस कर्मी ने मानवता दिखाते हुए न ही पीड़ित की फरियाद सुनी बल्कि उसके दुखद क्षण में सहयोग का हाथ बढ़ाते हुए उसके बोझिल चेहरे में खुशियां ला दी यह कृत्य पुलिस के विकृत व्यवहार के उस अवधारणा को खंडित और खारिज कर उनके मानवीय पहलू को सामने लाता है पुलिस की ओर से मिलने वाली सहायता का गुणगान करते हुए उक्त वीडियो सोशल मीडिया में बड़े जमकर वायरल हो रहा है जो पुलिस विभाग के लिए सम्मान और गर्व की बात है घटना वर्ष 2005-06 की है जिसे पूरे पन्द्रह साल बाद हाल ही में पीड़ित पक्ष द्वारा एक वीडियो के माध्यम से रायपुर में मामला का खुलासा करते हुए धमतरी सिटी कोतवाली में पदस्थ एस आई शत्रुघ्न पांडे साहब का गुणगान कर थकते हुए नही दिख रहा है प्रकरण के संबद्ध में भखारा देवरी निवासी रमेश कुमार साहू से जुड़ा है जो वर्ष 2005 में धमतरी किराना दुकान में मामूली कर्मचारी था उस वक्त उसकी माली हालत भी ठीक नही है तथा ग्राम से धमतरी आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता था उसकी परेशानी देख कर दुकान मालिक ने उसे एक सायकल दिला दी परन्तु नियति ने एक बार फिर उसके साथ खिलवाड़ किया और किसी अज्ञात चोर ने धमतरी से उसकी नई सायकल पार कर दी जिसकी शिकायत लेकर वह धमतरी सिटी कोतवाली पहुंचा और वहां अपनी व्यथा उपस्थित पुलिस कर्मियों को बताई रमेश साहू की गरीबी, लचर आर्थिक व्यवस्था वाली व्यथा सुना तो वहां उपस्थित शत्रुघ्न पांडे साहब का हृदय रमेश साहू के लिए द्रवित हो उठा तथा पांडे साहब ने उसे तीन चार दिन में कोई व्यवस्था करने की बात कह उसे मिलने को कहा रमेश कुमार ने बताया कि जब वह तीन चार दिन बाद सिटी कोतवाली पहुंचा तब उसकी खुशी का ठिकाना न रहा जब श्री शत्रुघ्न पांडे ने उसे नई सायकल भेंट की जिसे पाकर उसकी आँख कृतज्ञता से भर आईं तथा वह उनके सहृदयता और मानवीय चेहरा का भक्त हो गया उनके द्वारा विपरीत परिस्थिति में किए गए सहयोगात्मक कार्य से वह इतना प्रभावित हो गया कि उस का बखान करते वह अब भी नही थकता समय चक्र के साथ रमेश साहू की आर्थिक स्थिति सुधरी और रमेश साहू के पास सायकल के स्थान पर एक नही बल्कि दो दस चक्का वाहन आ गया हाल ही जब वह रायपुर प्रवास में था इस दौरान जब सड़क पर शत्रुघ्न पांडे साहब को देखा जो सड़क पर ड्यूटी में थे तथा वर्तमान में कालीबाड़ी स्थित यातायात विभाग में एस आई पद में है उन्हें देख कर वह अपने आप को रोक नही सका तथा भावुक होकर रमेश साहू ने बुरे दिन का स्मरण कराते हुए श्री पांडे साहब द्वारा की गई मानवीय पहल का उन्हें स्मरण करा धन्यवाद दिया तो वे भी आश्चर्य चकित रह गए उन्हें यकायक विश्वास ही नही हुआ कि यह वही व्यक्ति है जिस पर वर्षो पूर्व किए गए उपकार जिसे वह समय के उहापोह में बिसरा भी दिए थे वह इस प्रकार सामने आएगा कहते है समय का चक्र घूम कर एक बार फिर उसी स्थान में वापस आता है श्री पांडे ने कभी कल्पना भी नही की थी कि एक बार फिर रमेश साहू से उनकी भेंट होगी तथा उनके द्वारा किए गए अच्छे कर्म फलीभूत हो उनके सामने आकर गुणगान करेंगे और उनके शीश अदृश्य ईश्वरीय लीला के समक्ष श्रद्धा से स्वतः झुक जाएंगे वह जब श्री पांडे से अपने पुराने स्मरण को याद कर रहा था तब वहां उपस्थित उनकी एक सहयोगी ने घटना का पुनः स्मरण करने कह उसके वृतांत को मोबाइल कैमरे से रिकार्ड कर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया जिसने भी श्री पांडे साहब के पन्द्रह वर्ष पूर्व किए गए कार्यों को देखा,सुना,उनकी भूरि- भूरि प्रशंसा किए बगैर नही रह सका बताते चले कि श्री पांडे साहब एक सहृदय व्यक्ति के साथ पर्यावरण प्रेमी भी है तथा उन्होंने मानव जाति की सुरक्षा के लिए अब तक जिले भर में लाखों पेड़ पौधों का रोपण कर प्रदूषण तथा जल संरक्षण में अपना जीवन अर्पण कर दिया जिसके लिए उन्हें अनेक संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया गया