तीसरे चरण से बचना है तो दोनों चरण रखे घर पर: डॉ निर्वाणी

 


 


 


 


तीसरे चरण से बचना है तो दोनों चरण रखे घर पर: डॉ निर्वाणी


फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़


सेन्टर फ़ॉर सोशल लर्निंग के सह संस्थापक सामाजिक विज्ञानी डॉ सौरभ निर्वाणी ने कहा है कि अगर लॉक डाउन के *तीसरे चरण से बचना है तो अपने दोनों चरण रखे घर पर*,
डॉ निर्वाणी ने कहा कि जैसा कि हम सब को यह आभाष है कि लंबे चले लॉक डाउन ने देश की अर्थव्यवस्था को बहुत पीछे धकेल दिया है, अगर कोरोना वायरस के संक्रमण की  स्थिति में पूर्ण नियंत्रण नही पाया गया तो तीसरे चरण के लॉक डाउन की भी पूरी संभावना रहेगी, इससे इन्कार नही किया जा सकता अन्यथा पूर्व के दो क्रमबद्ध लॉक डाउन का कोई अर्थ ही नही रह जाएगा, देश की अर्थ व्यवस्था के लिए बड़ा संकट होगा, सरकारे लाक डाउन का निर्णय सभी संभावित विकल्पों के बंद होने बाद ही ले रही हैं, इसका उद्देश्य जनता को परेशान करना नही है,परंतु विश्व पटल से अनेक देशों से आ रही रिपोर्टो के अध्ययन के बाद ही केंद्र एवम राज्य शासन प्रशासन को यह निर्णय लेना पड़ रहा है, बिगड़े अर्थ व्यवस्था को समय देश काल के अनुरूप पुनः पटरी पर लाया जा सकता है पर एक भी गयी जिंदगी को वापस लाने का कोई तरीका नही है,पूरी वैश्विक मानवता  के लिए यह संक्रमण काल है, समाज इस कोरोना वायरस के मद्दे नजर अपनी संवेदनशीलता और धैर्य  बनाये रखे, *लॉक* डाउन की *चाबी* समाज के पास ही है, इस महामारी की गंभीरता को नही समझे तो यह बीमारी पूरी की पूरी सभ्यता को निगलने वाली साबित हो सकती है, देश विदेश के स्वास्थ्य वैज्ञानिक रात दिन इसकी  वैक्सीन तैयार करने में लगे हैं निश्चित रूप से हम इससे उबर जाएंगे पर परीक्षा की इस घड़ी में देश का साथ दें, सरकारों के प्रयासों के सहयोगी बने , हमारी यह सोच की मुझे या मेरे परिवार को कोरोना का संक्रमण हो ही नही सकता इस विश्वास को बनाये रखने के लिए अपने चरणों को अपने घरों में ही रखें,अन्यथा यह विश्वास अतिविश्वास की गंभीरता सिद्ध हो सकता है, इस समाज ने ही हमे सब कुछ दिया है
समाज के इकाई के रूप में अपना बेहतर समाज को लौटाने का वक्त है, अपने स्थानीय ,राज्य एवं केंद्र शासन के आपदा प्रबंधन कोषों में यथा संभव मदद करें, यह पूरी मनुष्यता को बचाने की लड़ाई है,
इसमे सहभागी हो ओर फिलवक्त कोरोना को हराने के लिए जागरूक रहें , जागरूक करें...और सकारात्मक रहें.


डॉ सौरभ निर्वाणी
सह संस्थापक एवं समाज वैज्ञानि
सेंटर फॉर सोशल लर्निंग
रायपुर