गौठान प्रबन्ध समिति और गौवंश सुरक्षा के लिए राज्य शासन कुछ मापदंड सुनिश्चित करे -फसल चराई के लिए पशु पालकों पर अर्थ दंड लगाए सरकार 

गौठान प्रबन्ध समिति और गौवंश सुरक्षा के लिए राज्य शासन कुछ मापदंड सुनिश्चित करे -फसल चराई के लिए पशु पालकों पर अर्थ दंड लगाए सरकार 



 


फॉरेस्ट क्राइम न्यूज 


 रायपुर ग्राम पंचायत गौठान समितियों में जहां रोका छेका एवं अन्य आवारा पशुओं के संरक्षण संवर्धन में महती भूमिका राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित की गई है वही अनेक मौसमी रोग सहित अन्य विसंगतियों से गोवंश भी चपेट मे आने से उनकी अकाल मृत्यु भी हो रही है जिसका समस्त दायित्व एव आरोप ग्राम गौठान प्रबन्ध समितियों के ऊपर आ जाता है तथा ग्राम पंचायत की बदनामी सो अलग होती है कि देखरेख एव उनके नियमित चारा न मिलने के अभाव में गौवंश की मृत्यु हुई जबकि पशुपालक भी गौठान निर्माण एव पशुओं की जिम्मेदारी से निश्चित हो जाते है कि गौ वंश की सुरक्षा के लिए ग्राम पंचायत गौठान समिति की संपूर्ण दायित्व एव जिम्मेदारी हो गई कि यदि किसी भी गौवंश को नुकसान होता है तो वह ग्राम गौठान समिति पर ही दोषारोपण कर देता है ऐसे अनेक उदाहरण देखने और सुनने में आ चुके है जिस पर कुछ ग्राम गौठान प्रबन्ध समितियों से चर्चा की गई तो उनके द्वारा कुछ विचार रखे गए जिसे हम यहां कुछ ऐसे ही मुख्य बिंदुओ को आधार बना कर प्रस्तुत कर रहे है जिससे भविष्य में इनके संरक्षण संवर्धन में कारगर साबित हो सकते है इससे फ़सल चरी, गौवंश की हो रहीं मृत्यु पर भी नियंत्रण, किया जा सकता हैं जिस पर एक सफल मापदंड रुपरेखा तैयार कर राज्य शासन इसे अमल में ला सकती है जो इस प्रकार है 


 


1. गौवंश की सुरक्षा के लिये मवेशियों के कानों में टैग लगाकर आधार लिंक जोड़ा जाये ताकि यह जानकारी हो कि वह मवेशी किस पशुपालक का है


2.जिस पंचायत में गौठान में कार्य संपन्न हो चुका है वहाँ विचरण करते हुये लावारिस पशुओ के रख- रखाव,चार पानी के व्यवस्था दुरुस्त करने के लिये शासन -प्रशासन फंड निर्धारित करें ताकि उन्हें नियमित पशु आहार मिल सके


3.कोई पशुपालक अपने पालतू मवेशियों को किसी भी कारण से पालने में असमर्थ हैं तो ! जितने दिन गौठान में रखना चाह रहे हैं चारा पानी, रख रखाव के लिये 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 3000 रुपये प्रतिमाह गौठान समिति में जमा करना सुनिश्चित किया जाए


4.,गौवंश को गौठान में लाने के पूर्व, गौठान से छूटने के पश्चात खेत,खलियान, चौक चौराहा, गली मुहल्ला,सड़क, पर विचरण करते पाये जाने पर पशुपालक को चिन्हाकित करते हुये वैधानिक कार्यवाही स्वतंत्रता सम्बन्धित सक्षम अधिकारी को होनी चाहिये


5.पशुपालक 50 रू शपथ पत्र में नोटरी करा के यह लिख कर देवें की गौठान में उम्र दराज एवं अपरिहार्य कारणों से हुये गौवंश की मृत्यु की जिम्मेदारी पंचायत प्रतिनिधियों, सचिव, गौठान प्रबंधन समिति की नहीं होगी


6.पैरा दान महादान के सद्भावना को लेकर 1 यूनिट पशु के लिये 1 एकड़ का पैरा दान करने का उल्लेख शपथ पत्र में हो


7. ग्राम विकास समिति 2-4रखवार कि ग्राम फंड से करना सुनिश्चित करे


8.पशु चिकित्सक के द्वारा गौठान मे प्रति सप्ताह में 2-3 दिन में पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण हो एवं कुपोषित उम्रदराज़ पशुओं को चिन्हित कर इसकी सूचना ग्राम विकास समिति, गौठान प्रबंधन समिति, ग्राम पंचायत को दे


9.गौठान के लावारिस बछड़ा को बैल बनाने के लिये या बछड़ा देने के पश्चात गौमाताओं को गोद लेने के लिये निश्चित शुल्क गौठान प्रबंधन समिति को देना सुनिश्चित करें जिससे पशुओं के रखरखाव उनके आहार की व्यवस्था की जा सके यदि छग राज्य शासन इन बिंदुओं को अमल में लाती है तो इससे ग्राम गौठान की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ हो सकेगी साथ ही गौवंश की सुरक्षा समय समय पर पशु चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण से बीमार पशु भी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकेगे वहीं पशुपालकों की जिम्मेदारी भी बनी रहेगी तथा असमय पशुओं के मृत्यु के आरोप से भी गौठान प्रबन्ध समिति सुरक्षित हो सकती है