विधायक हुए लामबंद ,  सीईओ का हटाना तय


 तरुण कौशिक, कार्यकारी संपादक, डिसेंट रायपुर अखबार


रायपुर । छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक अधिकारियों को राजनीति दबाव में बेहतर कार्य करने का मौका गंवाना पड़ जा रहा हैं । इसी तरह का हाल बिलासपुर जिले में देखने को मिल रहा हैं जहां पर सरकार की योजनाओं को धरातल में लाने वाले सीईओ को हटाने के लिए विधायक लामबंद हो गये हैं ।


    राज्य के पंचायत मंत्री टी.एस.सिंहदेव को जानकर काफी खुशी होगी कि सरकार की योजनाओं को जमीन स्तर पर लाने के लिए नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक के निर्वाचन क्षेत्र बिल्हा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बी.आर. वर्मा दिन रात काम कर रहे हैं लेकिन राजनीति दबाव के कारण बेहतर काम करने का इनाम इन्हें स्थानांतरण के रुप में मिल रहा हैं । बताया जा रहा है कि जनपद पंचायत बिल्हा के निर्वाचित एक जनपद पंचायत सदस्य के साथ इनका तालमेल नहीं बैठ पाने के कारण एक विधायक ने इन्हें हटाने के लिए मुख्यमंत्री के साथ ही पंचायत मंत्री को ज्ञापन पत्र दिया हैं और विधायक के पत्र पर नोटशीट भी चल चुका हैं और इस माह के भीतर इनका स्थानांतरण तय माना जा रहा हैं । जनपद पंचायत बिल्हा के निर्वाचित सरपंचों का कहना हैं कि सीईओ बी. आर . वर्मा सरकार के महत्वपूर्ण योजना सुराजी ,गोबर खरीदी को लेकर सराहनीय कार्य किए हैं परंतु जनपद पंचायत के कुछ सदस्यों द्वारा इन्हें बदनाम करने की कोशिश करते हुए व्यक्ति गत दुश्मनी पाल लिए गए और सीईओ और जनपद पंचायत सदस्यों के बीच अस्तित्व की लड़ाई शुरु हो गया था जो अब शांत हैं लेकिन इन्हें हटाकर खुद के अस्तित्व को कायम रखने के लिए एक विधायक का सहारा लेकर इन्हें हटाने की पूर्ण तैयारी हो चुका हैं और मुख्यमंत्री से अनुमोदन के पश्चात इनका स्थानांतरण होने की पूरी संभावना हैं । बहरहाल बिल्हा क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले सीईओ बी. आर. वर्मा राजनीति का भेंट चढ़ गया ।


 


घोटाले की शिकायत पर एकतरफा जांच


 वहीं जनपद पंचायत बिल्हा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बी. आर. वर्मा के खिलाफ बंद हो चुके बीआरजीएफ योजना में लाखों की हेराफेरी करने के मामले पर जांच कमेटी ने एकतरफा जांच करने की बात कहीं जा रही हैं और इस मामले पर सीईओ बी.आर. वर्मा से अब तक नियमतः कोई बयान नहीं लिए जाने की बात भी कहीं जा रही हैं । जिससे ऐसा लगता हैं कि सीईओ को फसाने में जिला पंचायत के अधिकारियों ने भी अहम भूमिका निभाए हैं ।


 


मामला पहुंचा थाना 


वहीं बीआरजीएफ योजना में हुए घोटाले की शिकायत के बाद सीईओ और एक जनपद पंचायत सदस्य का खुलकर आरोप - प्रत्यारोप चलता रहा । जिसकी शिकायत दोनों ने कलेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक तक कार्रवाई करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच करने पुलिस थाना बिल्हा को आदेशित किया हैं


 


 सीईओ को लूटने का किया गया काम 


वहीं जनपद पंचायत बिल्हा के सीईओ बी. आर. वर्मा बंद हो चुके बीआरजीएफ योजना में लाखों की हेराफेरी करने के मामले की शिकायत होने पर सुर्खियों में आए और इस मामले को राजनीति का रंग देते हुए कांग्रेस के साथ ही कुछ जनपद पंचायत सदस्यों ने सीईओ को साथ देने की बात कहकर अपने विश्वास में लेकर इन्हें केवल लूटने का कार्य किया हैं । शायद यहीं कारण हैं कि आज एक विधायक के पत्र पर इन्हें हटाने के लिए नोटशीट सीएम सचिवालय तक पहुंच गया और वर्मा का साथ देने की बात कहने वाले आज पूरी तरह से नदारद हो गए ।