कमरे में बंद करके रखा. दुर्गंध फैलने पर कमरा खोला,तब गायों की मौत हो चुकी थी
मोहम्मद नजीर हुसैन की रिपोर्ट
खम्हरिया न्यूज़ बिलासपुर मुख्यालय से महज 32 किलोमीटर दूर मड़ई पंचायत शासकीय प्राथमिक शाला के अतिरिक्त एक कमरे में बंद चार गायों की मौत हो गई थी
वही जानकारी मिली है कि गांव के स्कूल भवन के पास में लगभग चार गायों को बंद करके रखा गया था. जब वहां दुर्गंध फैली तब ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन एंव स्थानीय अधिकारियों को दी गई जंहा
सूचना के बाद स्थानीय अधिकारी और पशु के चिकित्सक वहां पहुंचे कमरे के अंदर में 4 गायों की मौत हो चुका था पिछले करीब चार दिनों से गाय को एक अतिरिक्त कमरा में गायों को कोई बदमाश लोग बंद कर दिया गया था जंहा पर चारों जानवर मवेशी की मौत होने से आसपास के ग्रामीणों को दुर्गंध आने लगा जंहा पता लगाने पर मालूम हुआ कि प्राथमिक शाला प्रांगण के कमरे से आने पर पंचायत एवं अधिकारियों को जानकारी दिया गया
मड़ई पंचायत के स्कूल प्रागंण के कमरे में चार गाय की मौत होने की खबर मिली है जंहा एसडीएम तहसीलदार के द्वारा जांच किया जाएगा जंहा दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई किया जाएगा
गजेंद्र सिंह चौहान
सीईओ
जिला पंचायत बिलासपुर
नायाब तहसीलदार सीपत संध्या नामदेव ने बताया कि प्राथमिक शाला प्रागंण में 30-35 गायों को 7 अगस्त को रखा गया था जंहा रात्रि में सभी गायों छोड़ दिया गया वही स्कूल प्रागंण के अतिरिक्त कक्ष में चार मवेशियों के मौत की खबर मिलतें ही घटना स्थल पर पहुँच कर सरपंच राधा विनोद साहू,सचिव विशेस्वर श्रीवास स्कूल प्रधान शिखा साहू पाठक स्कूल समिति अध्यक्ष शिवकुमार टेगवर सभी का बयान लिया गया ने मामले की जांच शुरू कर दी है कि क्यों गायों को एक कमरे में बंद कर दिया गया था
ग्रामीणों के अनुसार,आरोप है कि पंचायत एंव शासकीय प्राथमिक शाला की लापरवाही के चलते ही बड़ी संख्या में गायों की मौत हुई है
ग्रामीणों ने कहा कि गोठान नहीं होने के कारण गाय को रखने के लिए जगह है ही नहीं राज्य सरकार की रोका-छेका योजना या अन्य किसी योजना से कोई संबंध नहीं है मवेशियों का दल धान उगता खेत में जा कर पूरी तरह फसल खराब कर देते है आखिर मवेशी को कंहा रखें मवेशियों के मालिक खुले में छोड़ दिऐ है जंहा हर गांव में स्थानीय स्तर पर ग्रामीण एंव किसानों ने स्वयं इसकी व्यवस्था करते हैं फसल बचाने कड़ी मेहनत करते हैं
सरपंच राधा विनोद साहू ने बताया कि शाला प्रांगण में पांच दिन पहले ही पशुओं को छोड़ दिया गया था पर मंगलवार से ही पचायत भवन में सडा़ बदबू आने से पता लगा की कमरे में चार मवेशी की मौत हुई जंहा इस मामले की जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाए
@ बता दें कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने गायों के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की है.गो-पाल इसमें गोधन न्याय, रोका-छेका योजनाओं शामिल हैं. इसमें गायों के लिए गोठान और गोबर खरीदी भी शामिल है. गो-पालक किसानों से दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदने को मंजूरी दी गई है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी मवेशियों जानवरों की रख रखाव की जिम्मेदारी ना पंचायत प्रतिनिधि को है ना ही प्रशासन को क्यों की मवेशी जानवर पशु खुले आम खेत में या फिर सडकों पर घुमते फिरते के कारण किसान राहगीरों को भुगतना पड़ता है