रायपुर नामी बैंक और फाइनेंस कंपनीयों के द्वारा आजकल क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आम जनता को लुटा जा रहा है जिसके चलते ग्राहको को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है एक पीड़ित ग्राहक द्वारा नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आजकल बैंक और फाइनेंस कंपनी द्वारा क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पांच हजार से लेकर एक बड़ी निर्धारित राशि तक से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से समान गाड़ी इत्यादि खरीदी करने हेतु ग्राहकों को प्रोत्साहित करती है ग्राहक कार्ड के माध्यम से खरीदी तो कर लेता है तथा दो तीन माह की नियमित किश्त लेने संबंधित कर्मचारी आते है पश्चात वे महीनों गायब हो जाते है फिर लंबे अंतराल पश्चात संबंधित बैंक अथवा फाइनेंस कंपनी की ओर से ग्राहकों को फोन अथवा मोबाइल से संपर्क कर उनसे फाइनेंस की गई राशि के एवज में कई गुना अधिक मय ब्याज राशि ग्राहकों से वसूली जाती है यह कह कर कि आपका किश्त नियमित नही पट रहा पीड़ित पक्ष का यह भी आरोप है कि जब बैंक अथवा फाइनेंस कंपनी वाला कर्मचारी स्वयं किश्त लेने आना बंद कर दे तो इसमें ग्राहक या ऋण धारक की क्या गलती है ऐसी परिस्थिति निर्मित कर बैंक फाइनेंस कंपनी के द्वारा आम जनता से मनमाना राशि वसूल करने नाना प्रकार से उन पर दबाव बनाया जाता है यही नही पीड़ित पक्ष द्वारा यह भी शिकायत की जा रही है कि फायनेंस अथवा बैंक द्वारा जानबूझकर लंबी अवधि तक राशि नही ली जाती तथा बाद में उनसे अधिक की राशि वसूली के लिए बकायदा गुंडे बदमाश असमाजिक तत्वों को परसेंटेज दर पर ठेका दे दिया जाता है जो ग्राहकों से बलात अधिक राशि वसूली करता है या फिर क्रेडिट कार्ड से ली गई सामग्री ले जाता है जिससे ग्राहकों को डबल हानि होती है बैंक अथवा फाइनेंस कंपनी का परिचय पत्र लगाए बगैर अनेक असमाजिक तत्वों का अब राशि वसूली जीविकोपार्जन का माध्यम बन चुका है वसूली के लिए ही इस प्रकार के युवक उपलब्ध कराने के लिए शहर में बकायदा ऑफिस खोल लिया गया है राजधानी में ऐसे अनेक क्षेत्र में ऑफिस है जिनका कार्य केवल सीज एव वसूली के लिए युवक उपलब्ध कराना है जिन्हें कोई भी बैंक,फाइनेंस कंपनी द्वारा कॉन्टेक्ट कर परसेंटेज के हिसाब से ठेका दे दिया जाता है जो वसूली कर ऐसे संबंधित बैंक, फाइनेंस कंपनी के लिए लोगों से बलात रुपये वसूली करना है इस कार्य मे अनेक मर्तबा वाद विवाद सहित अनेक गंभीर घटनाएं सामने आ चुकी है पीड़ित पक्ष के पुलिस से शिकायत करने पर वे भी हस्तक्षेप नही करते जिससे इनकी भी भूमिका संदिग्ध हो जाती है