खुद की कड़ी मेहनत से तरुण ने हॉकर से की शुरुआत और आज बन गए सबके लिए मिसाल

 


 



डिसेंट रायपुर के कार्यकारी संपादक तरुण कौशिक के जन्म दिवस पर विशेष आलेख


खुद की कड़ी मेहनत से तरुण ने हॉकर से की शुरुआत और आज बन गए सबके लिए मिसाल



     रिजवान अली


 छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर जिले के तिफरा नगर में जन्में हमारे युवा मित्र तरुण कौशिक आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है ,जो मुकाम इन्होंने हासिल किया हैं ,वह इन्होंने खुद की लगन और कड़ी मेहनत से पाया हैं । आज 15 जुलाई को इनका जन्म दिवस हैं इन्हें बधाई देते हुए हम सबके लिए प्रेरणा बने तरुण कौशिक की जमीनी हकीकत आज बयां कर रहा हूँ जो मेरे बाल सखा हैं ।


  तिफरा नगर के युवा तरुण कौशिक स्कूल शिक्षा के दौरान से ही सामाजिक कार्यों के साथ लेखन कार्य में भारी रुचि रखते थे और कविता ,शायरी लिखते थे। जिसके लिए इन्हें शिक्षकों से मार भी पड़ता था लेकिन आज यही लगन इनकी पहचान बन गई ,35 साल के युवा तरुण कौशिक बचपन से ही गर्मी के छुट्टियों में कुछ न कुछ काम करते रहते थे और नियमित रुप से अखबार का वितरण यानी कि एक हॉकर थे जो भारी बारिश ,ठंड में भी सुबह 4 बजे उठकर पेपर बांटने चले जाते और पढ़ाई में भी ध्यान देते । इस बीच इनकी लेखन और खबर लिखने की शैली को बिलासपुर प्रेस क्लब के भूतपूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार कैलाश अवस्थी को पसंद आया और तिफरा के मुद्दों को खबर बनाने का जिम्मा दिया पर इनके बेबाक खबरें कोई दैनिक अखबार प्रकाशित नहीं कर पाते थे । इस बीच डिसेंट रायपुर में पत्रकारों की नियुक्ति के लिये विज्ञापन जारी हुआ । जिसमें इन्हें अवसर दिया गया जो एक ग्रामीण पत्रकार के रुप में पत्रकारिता शुरु की और आज इस अखबार के बड़े ओहदे यानि कि कार्यकारी संपादक के पद पर कार्य कर रहे हैं । डिसेंट रायपुर के तरुण कौशिक पहले पत्रकार हैं जो पिछले बीस वर्षों से इस अखबार में सेवा दे रहे हैं। 


  वहीं तरुण कौशिक ने अब तक 18 स्वलिखित किताबों का प्रकाशन करा चुके हैं । छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए हमेशा और न्याय के लिए हमेशा लड़ रहे हैं । 


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दोस्ती के लिए किडनी दान ....


 वहीं तरुण कौशिक एक ऐसे इंसान हैं जो अपनी जान की परवाह किए बिना अपने एक मुस्लिम समुदाय के एक दोस्त को किडनी देने की घोषणा करके इंसानियत ही नहीं बल्कि दोस्ती के लिए एक मिसाल बने।


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 प्रतिभा की कमी नहीं


वहीं तरुण कौशिक बीए तक पढ़ाई किए हैं मगर यह एक ऐसे युवा हैं ,जिसमें प्रतिभाएं कूट कूट कर भरी हैं बस इन्हें किसी का सहयोग न मिलने के कारण और ऊंचाई तक नहीं पहुंच रहे हैं जो खेद का विषय हैं लेकिन इनके संघर्ष को देखकर ऐसा लगता हैं कि यह भविष्य में इस ऊंचाई तक पहुंचेगा कि हम सोच नहीं सकते ।


 


एक माह का उपवास फिर भी रक्त दान


वहीं डिसेंट रायपुर के कार्यकारी संपादक तरुण कौशिक प्रति वर्ष सावन महीने में एक माह तक नियमित उपवास रहते है ,इनके बावजूद जरुरतमंद़ो को खुद रक्त दान करते हैं ।


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सम्मानों की ढ़ेर


 वहीं तरुण कौशिक के निष्पक्ष पत्रकारिता, लेखनी, साहित्य के क्षेत्र, सामाजिक क्षेत्रों में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए इन्हें वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस अफसरों के साथ ही मंत्रियों ने विशेष रूप से सम्मानित किए हैं ।