ग्राम पंचायत धनसूली में न मनरेगा न गौठान, केवल दिख रहा गौण खदान विकास के मामले में भी पिछड़ा 

ग्राम पंचायत धनसूली में न मनरेगा न गौठान, केवल दिख रहा गौण खदान विकास के मामले में भी पिछड़ा 


फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़



रायपुर एक ओर जहां छग प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना नरूवा गरुवा घुरूवा बाड़ी के सफल क्रियान्वयन को लेकर बैठकों के साथ योजनाओं को मूर्त रूप प्रदान करने विविध जतन करने की बात चल रही है वही कुछ ग्राम ऐसे भी है जो उक्त योजना को पलीता लगाने बैठे है जहां उपरोक्त योजना का क्रियान्वयन तो दूर की बात वहां ग्राम पंचायत की अन्य योजनाओं पर भी कार्य नही किया जा रहा है जिसमे सर्वाधिक गौठान निर्माण एव मनरेगा में कराए जाने वाले अन्य कार्यों को भी अनदेखी की जा रही है जिसकी मिसाल रायपुर से मात्र बीस से पच्चीस किलोमीटर के अंतराल में विकास खण्ड आरंग के अंतर्गत बसे ग्राम धनसूली बाराडेरा को लिया जा सकता है जहां पर शासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नही उठाया जा रहा है उक्ताशय की जानकारी ग्राम धनसूली के युवा सरपंच प्रेम यदु ने स्वयं पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहीं सरपंच यदु ने बताया कि धनसूली ग्राम गौण खनिज क्षेत्र होने की वजह से शासन की कोई भी योजना यहां लागू नही किया जा रहा है और न ही यहां मनरेगा के तहत ग्राम वासियों को किसी प्रकार का कार्य प्रदान कर उनके आर्थिक सुदृढ़ता का लाभ उन्हें दिया गया युवा सरपंच प्रेम कुमार यदु का मत है कि ग्राम धनसूली गौण खनिज माइंस एरिया होने के कारण मनरेगा जैसी योजनाओं का किसी प्रकार का प्रस्ताव नही भेजा गया और न ही इसका कोई लाभ ग्रामवासियों को उपलब्ध कराया गया वही वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर छग शासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं



नरवा गरुवा घुरूवा बाड़ी का प्रस्ताव भी अब तक नही बनाया गया जिसके चलते ग्राम धनसूली विकास के मामले में शून्य और पिछड़ गया है वही सरपंच प्रेम यदु ने कहा कि गौण खनिज की प्रचुरता की वजह से उनका समस्त ध्यान माइंस में ही रहता है जिससे ग्राम पंचायत को मिलने वाले माइंस की रियल्टी ही इतनी पर्याप्त है कि उन्हें शासन की अन्य परियोजना को वास्तविकता की धरा पर लाने की कोई आवश्यकता न होना बताया  उनके द्वारा मूल मुद्दे से हटकर पत्रकारों को भ्रमित करने के उद्देश्य से यह भी बताया गया कि ग्राम क्षेत्र में जुआ ,एव अन्य अनैतिक कर्म बड़ी द्रुत गति से बढ़ रहे है उनका कथन की आप इन मुद्दों को उठाएं जबकि उनके द्वारा यह भी बताया गया कि इस एवज में उन्होंने अनेक मर्तबा संबंधित थाने को लिखित में शिकायत दर्ज करवाई है परन्तु फिर भी ऐसे अनैतिक कार्य पर नकेल नही कसी जा सकी उनसे जब इस तारतम्य में शिकायत की प्रतिलिपि मांगी गई तब उन्होंने ग्राम भ्रमण पश्चात मिलने की बात कही जबकि ग्राम भ्रमण पर यह पाया गया कि क्षेत्र में साफ सफाई का अभाव दिखा वही कुछ ग्रामीणों द्वारा मूलभूत आवश्यकताओं की कमी बताई गई फिर भी ग्राम की समस्याओं के निराकरण की बजाए केवल गौण खनिज पर अपना पूरा ध्यान लगाना उनके कार्यशैली को लेकर संदेहों को जन्म देता है शासन की योजना जिसका अनेकों ग्राम में सफल क्रियान्वयन दिख रहा है  इसके बावजूद उनके द्वारा अपने ही ग्राम में गौठान सहित मनरेगा के तहत कार्य संपादित न करवाना सत्तारूढ पार्टी की योजनाओं पर पलीता लगाने के समान लग रहा है जबकि इस विषय को लेकर शासन पर बैठे उच्च अधिकारियों का कथन की संपूर्ण प्रदेश में गौठान निर्माण सहित इसी माह चालू होने वाले गौ धन न्याय योजना जुलाई 21 सोमवार हरेली त्योहार से लागू  होना है जो मात्र अब कपोल कल्पित एव खोखली साबित हो रही है जिस पर ध्यान आकर्षित करना अति आवश्यक है बताते चले कि छग शासन की गौधन न्याय  योजना के माध्यम से अनेक ग्राम वासियों को अतिरिक्त आर्थिक लाभ पहुंचा कर ग्राम वासियों को स्वावलंबी बनाना मुख्य उद्देश्य है परन्तु जिस गति से धनसूली ग्राम सहित अन्य ग्राम पंचायत द्वारा इसके निर्माण और शासन की योजनाओं कोताही बरतते हुए इस  पर किसी प्रकार ध्यान नही दिया जाना शासन के मंसूबों को ध्वस्त करना है और विपक्ष को भी एक मुद्दा उठाने बहाना मिल जाएगा यह भी ज्ञात होता है कि करोड़ो रूपये की उक्त महत्वपूर्ण योजनाएं भविष्य में ग्राम सरपंचों के द्वारा ध्यान न देने और अमलीजामा न पहनाने की वजह से कहीं फिसड्डी साबित न हो जाए और शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मनमोहक योजनाओं को ग्राम सरपंच के माध्यम से ग्राम क्षेत्र में लाने और भविष्य में अपने विशाल मतदाता खड़ा करने का जो सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी का सपना था वह मात्र सपना ही बन कर न रह जाए ?