आनलाइन शिक्षा कैसे आलोक करेंगे प्रेम -

आनलाइन शिक्षा कैसे आलोक करेंगे प्रेम - 


 


तरुण कौशिक, कार्यकारी संपादक, डिसेंट रायपुर अखबार



रायपुर । छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला द्वारा कोरोना महामारी के दौरान स्कूली बच्चों के लिए आनलाइन शिक्षा व्यवस्था की हैं जो काबिल ए तारीफ हैं लेकिन गरीब स्कूली बच्चें आनलाइन शिक्षा कैसे करेंगे क्योंकि इस के लिए उनके पास कोई साधन ही नहीं हैं ।



     राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षा को हाई प्रोफाइल बनाने की सोच को लेकर आनलाइन शिक्षा अभियान चलाए जो भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं क्योंकि सरकारी शिक्षकों को कक्षा पहली से बारहवीं तक विडीयों रिकार्डिंग कर आनलाइन शिक्षा के लिए तैयार कर उसे नेट में डाल रहे हैं और कोरोना महामारी के कारण सारे शिक्षा संस्थान बंद हैं ऐसे में आनलाइन शिक्षा किस आधार पर ग्रहण करें ,इस सवाल का जवाब शिक्षा मंत्री और विवादित प्रमुख सचिव दे सकते हैं । शिक्षा अधिकारियों से जब डिसेंट रायपुर टीम ने चर्चा किए तो उनका कहना हैं कि यह अभियान शिक्षा के लिए नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के लिए बनाया गया अभियान हैं क्योंकि बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं हैं और न ही इन्हें रमन सरकार की तरह टेबलेट दिए गए हैं । वहीं शहरी क्षेत्र के बच्चों के माता - पिता के पास महंगे मोबाइल हैं तो वह अपने कार्य में चले जाते हैं तो बच्चें कहां से आनलाइन शिक्षा प्राप्त करेंगे । वहीं तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गांव - गांव में मोबाइल बांटे थे जो अब कंडम हो चुके हैं क्योंकि मोबाइल रिचार्ज करने की शक्ति गरीब के पास नहीं हैं ।ऐसे में सोचनीय विषय हैं कि बच्चें आखिर कैसे आनलाइन शिक्षा ग्रहण करें। शिक्षा अधिकारियों का कहना हैं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चें कलेक्टर की बात दूर एक सरकारी शिक्षक का बच्चा नहीं गरीब किसान, रोजी मजदूरी करने वाले परिवार के बच्चें यहां पर पढ़ाई- लिखाई करते हैं । ऐसे में यह अभिभावक महंगे मोबाइल नहीं खरीद सकते ।निश्चित रुप से आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था करने से पहले शिक्षा मंत्रालय को हरेक बच्चों को महंगे मोबाइल बांटने के साथ इस अभियान के पूरा होने तक मोबाइल में रिचार्ज करने चाहिए थे मगर आज 0 2 प्रतिशत बच्चों से ज्यादा कोई आनलाइन शिक्षा ग्रहण नहीं कर रहे हैं ।यह केवल सरकार द्वारा अवैध कमाई करने का आसान तरीका हैं और कुछ नहीं । निश्चित रुप से सरकारी स्कूलों के बच्चें किस आधार और किस सुविधाओं के साथ आनलाइन शिक्षा ग्रहण करेंगे । इसका जवाब शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम और स्कूल शिक्षा विभाग के संविदा प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला को जनता को देना चाहिए ।