पंडरी रेंज ऑफिस के नाक के नीचे पीपल और औषधि पेड नीम की कटाई - पर्यावरण सप्ताह का तोहफा

पंडरी रेंज ऑफिस के नाक के नीचे पीपल और औषधि पेड नीम की कटाई - पर्यावरण सप्ताह का तोहफा



रायपुर एक ओर देश पर्यावरण दिवस मना रहा है तो वही छग शासन प्रदेश भर में पांच करोड़ पौधे रोपण का लक्ष्य भी वन कर्मचारियों के समक्ष रखा हुआ है ताकि बिगड़ते वन एव फैलते प्रदूषण को संतुलित किया जा सके परन्तु इसके इतर छग वन विभाग में थिनिंग के नाम पर पेड़ों की बलि चढ़ाए जाने की घटना आम होते जा रही है वन कर्मियों के द्वारा बेखौफ वनों के विदोहन से तो अब लोगों में वन अमले एव विभाग का भय भी समाप्त हो चुका है इस की वजह से आम लोगों द्वारा अनेक स्थल खेत मैदान,रहवासी स्थलों में बेखौफ होकर बिना अनुमति के स्वस्थ्य पेड़ों को काटा जा रहा है यह कृत्य अब वन क्षेत्रों अथवा आउटर में नही बल्कि अब पंडरी स्थित वन आवासीय परिसर फॉरेस्ट कालोनी में ही पेड़ों की कटाई की जा रही है मजे की बात यह है कि उसी फॉरेस्ट कालोनी परिसर में रायपुर का रेंज ऑफिस भी मौजूद है तथा जहां पर निवासरत सैकड़ों कर्मचारी अधिकारियों की अनवरत आवागमन होता है परन्तु किसी भी अधिकारी और कर्मचारियों ने कटाई को लेकर किसी प्रकार की रोकथाम नही की एक प्रकार से यह कहा जाए कि वन कर्मियों की नाक के नीचे ही कटाई की गई है जबकि वन अधिनियम के अनुसार किसी भी निजी पेड़ चाहे वह खेत मे हो मकान में हो या फिर अन्य रहवासी क्षेत्र में हो उसकी कटाई के लिए विधिवत अनुमति लेना अनिवार्य होता है जबकि रायपुर पंडरी स्थित फॉरेस्ट कालोनी में वर्षों पुराना पीपल एव नीम के दो परिपक्व पेड़ों को विभाग अथवा शासन से अनुमति लिए बगैर काट दिया गया बताते चले कि पंडरी फॉरेस्ट कालोनी स्थित एक मंदिर के समीप दो पेड़ जिसमे पीपल एवं नीम के सघन छायादार पेड़ थे मंदिर निर्माण के लिए बगल में लगे नीम पेड़ जो दिवार खड़ी करने में बाधा बन रहा था जिसे काट दिया गया जिसमे पीपल पेड़ की शाखाओं को कलम कर दिया गया तो वही नीम पेड़ को तने से काट दिया गया जबकि घुमावदार दीवार उठाने पर नीम पेड़ कटाई की आवश्यकता नही होती परन्तु बगैर विभागीय प्रशानिक अनुमति लिए नीम पेड़ को काट दिया गया बताया जाता है कि मंदिर निर्माण पंडित रवि शंकर शुक्ल के वार्ड पार्षद आकाश तिवारी द्वारा कराया जा रहा है तथा जब उनसे कटाई के अनुमति संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि कटाई तो सभी जगह अनैतिक रूप से हो रही है बल्कि आप मंदिर निर्माण में व्यवधान पैदा न करे और न ही इसे ईशू बनाएं जब उन्हें बोला गया कि मंदिर निर्माण से हमे कोई आपत्ति नही बल्कि मंदिर निर्माण में हमारे द्वारा भी सहयोग दिया जाएगा परन्तु नियम अनुसार कटाई का परमिशन आवश्यक हो जाता है इसके लिए रायपुर रेंज के रेंजर अनूप अवधिया से भी मोबाइल पर संपर्क कर पेड़ काटे जाने की अनुमति लेने की जानकारी मांगी गई तब उनके असिस्टेंट ने मोबाइल पर इस संदर्भ में अनभिज्ञता जाहिर की तथा साहब के आने पर बात कराने कह कर बात टाल दिया गया वही वन आवासीय परिसर के निवासियों से इस कटाई मामले को लेकर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि समस्त कर्मचारी समय होते ही अपने अपने वन कार्यालय चले जाते है कटाई कब हुआ ज्ञात नही वही कटाई की अनुमति के बारे में उन्होंने बताया कि इसकी अनुमति लेना अनिवार्य हो जाता है बताया गया कि पीपल पेड़ की शाखाओं की कटाई हुई है परन्तु औषधि पेड़ नीम की कटाई तने से काटा जाना असंवैधानिक एव नियम विरुद्ध है ज्ञात हो कि फलदार एव औषधि युक्त पेड़ों की कटाई के लिए राजस्व विभाग सहित प्राशासनिक स्तर पर अनुमति लेना अनिवार्य होता है जिसके पश्चात वन विभाग से अनुमति मिलती है जबकि वन आवासीय परिसर पंडरी में रायपुर कार्यालय है जहां सभी नियम कानून के जानकार बैठे है उसके बावजूद उनकी नाक के नीचे पीपल सहित औषधि युक्त नीम की कटाई भी हो गई अब इसका जिम्मेदार कौन है ? वो जो मंदिर निर्माण करवाने वाला वार्ड पार्षद जो अपनी राजनीति चमकाने और जनता को प्रसन्न करने के चक्कर मे हरे भरे औषधि युक्त नीम की कटाई करवा दी या फिर वे लोग जो वन और पेड़ पौधों की रक्षा करना जिनका नैतिक कर्तव्य एव दायित्व बनता है जिनके कंधों पर इनकी सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बनती है जो रात दिन नियम कानून से बंधे हुए होते है ऐसे वन कर्मचारीयों के नाक के नीचे पेड़ की बेरहमी से कटाई हो जाना कहां तक उचित है इस प्रकरण को लेकर एक पत्र वन मण्डलाधिकारी श्री बी एस ठाकुर एव उप वन मण्डलाधिकारी मुखर्जी साहब को देकर अवगत कराया जाएगा अब देखना होगा मंडल कार्यालय में बैठे उच्च अधिकारी अब कहां तक इस कटाई को संज्ञान में लेकर क्या कार्यवाही करते है देखना होगा