ऑनलाइन व्यापार के खिलाफ एक बार फिर से पूरे देश से आवाज़ उठने लगी

 


 


 


 


ऑनलाइन व्यापार के खिलाफ एक बार फिर से पूरे देश से आवाज़ उठने लगी


ऑन लाइन व्यापार के खिलाफ नगाड़ा ताली थाली बजाकर विरोध प्रदर्शन


मो.इरफान स्वतन्त्र पत्रकार


ऑनलाइन बिक्री 15 मई तक प्रतिबंधित हो


 *रायपुर : केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल के बाद आनलाइन और ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने उत्पाद बेचने की छूट दे दी है।
व्यापारियों क कहना है की ई-कॉमर्स कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल यह सब बेच सकती है। 
यह सरकार का बहुत ही भेदभाव पूर्ण रवैया है।


स्वदेशी मेक इन इण्डिया की बात करने वाली सरकार ने स्वदेशी व्यापारियों को बंधन में रख कर ई कॉमर्स को खुली छूट देकर देश के लाखों अलग-अलग ट्रेड में काम करने वाले व्यापारी भाइयों के साथ के अन्याय कर रही है।


सरकार के इस फैसले का समस्त व्यापारी संगठनों द्वारा कड़ा विरोध कर रहे हैं।


ज्ञात हो की मा.प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर सभी ने मिलकर कोरोना से लड़ाई लड़ रहे कर्मवीरों के लिए उनके सम्मान में थाली, घंटी और शंख बजाकर एवं दीपक जलाकर उनकी सेवाएं का सम्मान किया था।


देश में महामारी के इस संकट की घडी में संक्रमण के खतरे को जानते हुए भी देश के छोटे मध्यम किराना, सब्जी फल एवं दवा व्यापारियों ने दुकानें खोलकर जनता को सेवाएं दी कई बार उन्हें और उनके यहां कार्यरत कर्मचारियों को अनावश्यक रूप पुलिस कर्मियों से प्रताड़ना भी झेलना पड़ा और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर भी दंड का भी भुगतान करना पड़ा तब भी उन्होंने सेवाएं जारी रखी।


लॉक डाउन अवधि में कई तरह के व्यापार बंद होने के बावजूद सभी व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों को अपने परिवार की भांति समझकर वेतन और सुविधाएं दी। दुकान मालिकों को किराया भी दिया यहां तक कि बंद अवधि का बिजली, टेलीफोन बिल , बैंकों को लिमिट का ब्याज के अलावा अन्य प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खर्चो के भुगतान के  साथ साथ अपने सामाजिक जिम्मेदारी का अंतःकरण से पालन किया।
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उपरोक्त खर्चों से वे पहले ही अपने परिवार एवं व्यापार के संचालन लेकर संकट से गुजर रहे हैं।


ऐसी परिस्थितियों में लॉक डाउन समाप्त होने के बाद भी आने वाले वित्तीय वर्ष में अपने व्यापार के प्रति आर्थिक संकट से गुजरने का भय उनके मन के अंदर में है जो स्वाभाविक है।


इन परिस्थितियों में ई-कामर्स कंपनियों को ही व्यापार की अनुमति का समस्त व्यापारिक संगठन देश के बड़े, छोटे मध्यम व्यापारियों के साथ मिलकर रविवार 19अप्रैल शाम को नगाड़ा ताली थाली शंख बजाकर अपना विरोध दर्ज करने अपील की है ताकि सरकार के कानों तक व्यापारियों की आवाज पहुंचे और सरकार इस पर ठोस निर्णय


 Md. Irfan sheikh
Freelance journalist
CHHATTISGARH