जब मां ने बेटी से शादी की  बाद में दादी भी बनी

 


 


जब मां ने बेटी से शादी की  बाद में दादी भी बनी


1971 में, महिला मुक्ति आंदोलन के शुरुआती सालों में, कैलिफ़ोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर लीलियान फ़ेडरमैन ने सेंटर की अकादमिक निदेशक फीलीस इर्विन से संपर्क किया.


शुरुआती बातचीत एक नए शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने को लेकर हुई. लेकिन ये अगली आधी सदी तक चलने वाली प्रेम कहानी की शुरुआत भी थी. इसमें कई जटिल मोड़ आने वाले थे.


जब लीलियान और फीलीस मिलीं थीं तब कैलिफ़ोर्निया समेत अमरीका के सभी प्रांतों में एलजीबीटीक्यू समुदाय से भेदभाव करने वाले क़ानून थे. कैलिफ़ोर्निया ने साल 1975 में समलैंगिक संबंधों को अनुमति देने वाला क़ानून पारित किया था. अगले साल ही ये लागू भी हो गया था.


उसने बताया, "हमें देश के हर हिस्से में अपराधी ही माना जाता था. ज़्यादा लेस्बियन छुपकर रहते थे."तब उसने एक युक्ति निकाली और अपने से छोटी पार्टनर को गोद ले लिया इस तरह वह मां बेटी बन गई लोगों को इनके संबंधों का पता था कि दोनों लेस्बियन में कुछ चल रहा है जब समलैंगिक कानून पारित हुआ तब दोनो ने शादी रचा ली इस तरह एक मां और गोद ली बेटी की शादी हो गई यही नही बाद में कृत्रिम गर्भ धारण कर एक पुत्र को जन्म दिया जिससे उनका वंश भी आगे बढ़ा