मटन तीन महीने में 480 रुपय से बढ़कर 520  रुपये पहुंचा निगम  का बाजार विभाग स्वास्थ्य परीक्षण और मूल्य नियंत्रण पर कोई कार्यवाही नही कर रहा

 


 


 


मटन तीन महीने में 480 रुपय से बढ़कर 520  रुपये पहुंचा निगम  का बाजार विभाग स्वास्थ्य परीक्षण और मूल्य नियंत्रण पर कोई कार्यवाही नही कर रहा


रायपुर मांसाहारी प्रेमियों के लिए अब  बकरे का मटन खाना महंगा हो गया है जी हां विगत चार महीने में ही मटन विक्रेताओं ने मनमाने रूप से  40 रुपये प्रति किलोग्राम में बढ़ोतरी कर 520 रुपये में बकरे का मटन विक्रय कर रहे है जबकि जनवरी में ही बीस रुपये का इजाफा किया गया था वही दूसरे माह फरवरी महीने के दूसरे सप्ताह में ही पुनः 20 रुपये की बढ़ोतरी कर मटन प्रेमियों की जेबों में अतिरिक्त भार बढ़ा दिया गया है इसके पीछे की वजह ज्ञात करने पर अनेक मटन विक्रेताओं ने बताया कि चीन में फैले कोरोना वायरस से मटन व्यापार प्रभावित हुआ था जिसके चलते बकरा व्यापारियों को हानि उठाना पड़ा था उसकी भरपाई के लिए ही अतरिक्त 20 रुपये की दो बार  बढोतरी कर हुए नुकसान की भरपाई की जा रही है जबकि ग्राहकों द्वारा यह आशा व्यक्त की जा रही थी कोरोना वायरस की वजह से मटन जो गत माह 480 रुपये था उसमें गिरावट आएगी परन्तु ठीक इसके विपरीत मटन विक्रेताओं द्वारा मटन के दामों में 40 रुपये के बढ़ोतरी से आम लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है इस संदर्भ में यह भी कहा जा रहा है कि नगर निगम बाजार विभाग बढ़ी हुई दर से अनभिज्ञ नही है परन्तु चाह कर भी वह मूल्य नियंत्रण करने में स्वयं को असहाय महसूस कर रहा है इसके पीछे की वजह महापौर एजाज़ ढेबर जो स्वयं इनके क्षेत्र के निवासी है तथा अपने क्षेत्र के मतदाताओं को संतुष्ट करने वे इस विषय मे किसी प्रकार की कोई भी कार्यवाही करवाने के पक्ष में नही है जिसके चलते  मटन विक्रेता मनमाने मटन दामों में इजाफा कर अतरिक्त आय अर्जित कर रहे है इसकी आड़ में अधिकांश मटन विक्रेता बगैर स्वस्थ्य परीक्षण के भी घरों में बीमार बकरे को काट कर विक्रय हेतु बाजार लाया जा रहा है जिससे मांसाहार उपभोक्ताओं को बीमार होने जैसे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है  एक वर्ष में 400 रु से बढ़कर 520 रु पहुंचने तक लगभग 120 रु अधिक का ग्राफ दर्ज किया गया
   उल्लेखनीय है कि मटन सलाडर हाउस में निगम के द्वारा डॉक्टर की व्यवस्था की जाती है जो काटे जाने वाले बकरे का पहले स्वास्थ्य परीक्षण करते है   पश्चात काटे गए बकरे पर निगम द्वारा नीली स्याही युक्त सील लगाई जाती है तब उसे बाजार में विक्रय हेतु लाया जाता है परन्तु रायपुर राजधानी में सारे नियम कानून को दर किनार कर मटन विक्रेताओं द्वारा अस्वस्थ्य बीमार बकरा बकरी को घर सहित अन्य स्थानों पर यहां तक सलाडर हाउस में भी  डॉक्टर के बगैर  स्वास्थ्य परीक्षण कराए खुले आम वध किया जा रहा है  जो जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है इस संदर्भ में रायपुर नगर निगम के बाजार विभाग सहित एक डॉक्टर की नियुक्ति जो वध करने के पूर्व जानवरों के स्वास्थ्य की जांच और सील लगा  कर  बाजार   मेंं  लाने  की मांग  आम जनता द्वारा कही जा रही है वही मांस  विक्रेताओं द्वारा लगातार निरंकुश दर पर नियंत्रण करने की मांग नगर  निगम  रायपुर से की गई है जबकि चिकन में कोरोना वायरस की वजह से 80 रु से लेकर 100 रु तक विक्रय किया जा रहा है