बाघ है नही और मांग ली करोड़ों की राशि- वन मंत्री ने लिया संज्ञान दिए जांच के आदेश

बाघ है नही और मांग ली करोड़ों की राशि- वन मंत्री ने लिया संज्ञान दिए जांच के आदेश


अलताफ हुसैन


भ्रामक रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से करोड़ों का बजट हासिल करने का मंसूबा ध्वस्त हो गया जब इसकी जानकारी वनमंत्री मोहम्मद अकबर को हुई तो उन्होंने मुख्यत वन संरक्षक एच एल रात्रे को हटाकर मामले के जांच का निर्देश दिए है 


मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग ने मैनपुर स्थित उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पांच बाघ होने की मिथ्या भ्रामक रिपोर्ट तैयार कर शासन एवं (एन टी सी ए) से बजट की मांग की गई तथा बाघ का मल बताकर बाघ संरक्षण हेतु करोड़ों की राशि की मांग की गई जबकि बताया जाता है कि उक्त क्षेत्र में एक भी बाघ नही है रिपोर्ट जब वह मंत्री मोहम्मद अकबर के पास पहुंची ठब उन्हें इस पर शंका हुई पड़ताल करने पर सभी प्रस्तुत रिपोर्ट भ्रामक निकली जिससे नाराज होकर वन मंत्री मुहम्मद अकबर ने तत्काल मुख्य वनसंरक्षक एच एल रात्रे को हटा दिया तथा टाइगर रिजर्व की जांच के आदेश दे दिया 
    भ्रामक जानकारी देने के संबन्ध में  ज्ञात हुआ है कि एन टी सी ए को भेजी गई थी  जिसके संबन्ध प्राकृतिक एवं संस्कृति रिसर्च सेंटर को  वास्तविकता से अवगत कराने कहा गया रिसर्च सेंटर के डायरेक्ट श्री तीव्र सोनी ने शासन से पत्र लिखकर बताया कि  अन्य स्थान से बाघ मल लाकर डालकर रिपोर्ट तैयार कर बजट की मांग की जा रही है जिसे देख कर वन मंत्री ने तत्काल संज्ञान में लेकर उक्त कार्यवाही कर जांच के आदेश जारी किए है बताया जाता है कि बाघ गणना एवं सबूत के तौर पर अनेक प्रमाणक प्रस्तुत करना पड़ता है जैसे बाघ के होने पर उसकी वंशावली उसका आगमन कहां से हुआ उसके पगचिन्ह के प्रमाण उसके मल सहित शिकार किए गए संख्या उसके कंकाल, तथा उसके  वयस्क होने न होने की जानकारी और उसके द्वारा वंश वृद्धि की होने न होने के प्रमाण तथा विभाग द्वारा उसके नामकरण के प्रामाणिक जानकारी देना अनिवार्य होता है इन्ही समस्त मापदंडों पर ही एन टी सी ए द्वारा बाघों के संरक्षण संवर्धन हेतु  बजट जारी होता है परन्तु उक्त समस्त जानकारी भ्रामक भेजी गई जिसे लेकर वन मंत्री द्वारा तत्काल श्री रात्रे को हटा कर जांच के आदेश दिया गया